आज जब निकलने लगी उस मोड़ से, तो सवाल करती उन आंखों ने मुझे रोक लिया, कहती दीदी खाने को कुछ दे दो, भगवान आपका भला...
सिरहाने तकिये के बैठ के, कई ख़्याल आते हैं, ज़िंदगी के तजुर्बे को ज़रा हम, और गौर से सोचते हैं, कभी गलतियां नज़र आती हैं, तो...
कभी तब्बज्जो में किसीकी आके देखो, बड़े गहरे सन्नाटे हैं मोहब्बत में, कोई इश्क़ में मुकम्मल होके भी अधूरा है, किसीको कुछ पलों का साथ भी...
निंदा क्या करें समाज की, लोकतंत्र भारत अब रहा कहां, देश कि मिट्टी में जो पले बड़े, आज मिट्टी से ही उन्हें कर दिया जुदा।। हैरान...
नादान हैं वो कहते हैं जो, यह तो मेरा है, सुंदरता पर जो हम इतरातें हैं गोरे काले का भाव दिल में रखते हैं, जवानी भी...
हौंसले की वाक्यांश बड़ी गंभीर है, उन घुंघरूओं की तरह आवाज़ है इसकी, जो शोर होने पर एहसास दिलाती, कि गति तेरी अभी थमी नहीं है,...
बड़ी दिलचस्प सी लगती है, बदलते हुए रफ़्तार की ख़ामोशी, शोर से तितर बितर है अंग अंग जीवन का, अर्सों बाद लेते है छुट्टी कभी खुदसे...
कुछ किरणें ही काफ़ी होती है, ठंडक को मिटाने में, कुछ बातें ही अज़ीज़ होती हैं, ग़म को भुलाने में, जब निकल पड़ती हूं यादों के...
हादसे कुछ ज़िंदगी के हैरान करते हैं, जिनके हम किरदार होते हैं, बहुत कुछ चल रहा है शायद, फिर भी हम अंजान बने रहते हैं। कभी...
ये शब्दो का खेल है यहां शब्द ही महान है शब्द सही चुन सको तो ज़िन्दगी गुलिस्तां है शब्द का चुनाव ही इंसान की पहचान है...